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Rajasthan gk/राजस्थान के किले

राजस्थान के किले


नागौर का किला
नागौर के किले का निर्माण सामेश्वर के सामंत ने करवाया था। नागौर के किले की बनावट ऐसी है कि इस पर तोप के गोले इसे नुकसान पहुंचाए बिना इसके ऊपर से गुजर जाते हैं ।यूनेस्को द्वारा इसे अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस द्वारा 2009 में नवाजा गया था ।इसके अन्य नाम नागणा दुर्ग,नाग दुर्ग तथा अहिछत्रपुर दुर्ग है।


कंकवाड़ी का किला
कंकवाड़ी का किला राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है। इस किले की स्थापना सवाई जयसिंह प्रथम ने  की थी। इस किले का निर्माण अकाल पड़ने के कारण करवाया था, जिससे लोगों को काम तथा मेहनताना मिल सके।


कोषवर्धन का किला
यह बारा जिले में परवन नदी पर स्थित है। राजकोष में निरंतर व्रद्धि करने के कारण इसका नाम कोसबर्धन पड़ा। यहां पर खींची चौहान शासक, कोटा के हाडा शासको का शासन रहा है। शेरशाह सूरी ने इसका नाम परिवर्तन कर शेरगढ़ रखा था। जालिम सिंह झाला ने जीर्णोद्धार करके अनेक महल बनाए जिससे यह झालाओ की हवेली के नाम से भी प्रसिद्ध है।


गागरोन का किला
गागरोण किला राजस्थान की सबसे अच्छी पहाड़ी किलों में गिने जाते हैं और यह एक यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है, जो सिंध, काली और अहू की तीन नदियों से घिरा हुआ है। किले एक शांत पृष्ठभूमि प्रदान करता है और राजस्थान में प्रसिद्ध किलों में से एक है।


मेहरानगढ़ का किला
मेहरानगढ़ का किला राजस्थान के जोधपुर में स्थित है। राव जोधा ने 1459 के अंदर इस किले का निर्माण करवाया था ।यह जमीन से 125 मीटर ऊंचाई पर एक विशालकाय चट्टान पर स्थित है। इस किले की नींव में राजाराम मेघवाल नामक व्यक्ति को जीवित ही गाड़ दिया गया था ।राव जोधा की चामुंडा माता में आस्था थी ,जिसके कारण उसने इस जिले के पास चामुंडा माता का मंदिर भी बनवाया था।


मांडलगढ़ का किला
यह राजस्थान के भीलवाड़ा के मांडलगढ़ जिले में स्थित है। यह मेनाल और बनास नदी के संगम पर स्थित है। यह राजस्थान की प्रमुख गिरी दुर्गों में से एक है। इसकी आकृति कटोरे जैसी है।


अचलगढ़ का किला
अचलगढ़ का किला राजस्थान के सिरोही जिले मैं दिलवाड़ा के मंदिर से 8 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में स्थित है। इसके समीप अचलेश्वर महादेव का का मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है ।इसका निर्माण परमारो ने करवाया था लेकिन युद्ध होने के कारण यह कमजोर हो गया था, जिससे इसका पुनर्निर्माण महाराणा कुंभा ने करवाया था।


सिवाना का किला
सिवाना का दुर्ग जोधपुर से 54 मील की दूरी पर पश्चिम में स्थित है। यह किला चारों तरफ से रेतीले भाग  से घिरा हुआ है। सर्वप्रथम यहां पर पवारो का अधिकार था। उसके पश्चात चौहानों के अधिकार में आ गया। इस पर अल्लाउद्दीन खिलजी ने भी आक्रमण किया था।


सज्जनगढ़ का किला
इस किले का निर्माण 1984 में किया गया था। इसका दूसरा नाम मानसून पैलेस भी है ।यह उदयपुर में स्थित है । समुद्र तल से 3100 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इसका निर्माण सुरक्षा की दृष्टि से भी किया गया था। मेवाड़ के राजा सज्जन सिंह के नाम पर उसका नाम सज्जनगढ़ रखा गया।



कुंभलगढ़ का किला

कुम्भलगढ़ किला राजस्थान के महान किलों में से एक है और इसका ऐतिहासिक महत्व है। किला महाराणा प्रताप का जन्मस्थान था जो मेवाड़ का एक प्रमुख शासक था और वह अपनी बहादुरी के लिए जाना जाता है। किले एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और फिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सम्मानित है, क्योंकि चीन की महान दीवार के बाद सबसे बड़ी दीवार इस महान किले की है ।



भटनेर दुर्ग

भटनेर किला भारत में सबसे पुराना किलों में से एक है और राजस्थान में सबसे प्रतिष्ठित किलों में से एक है। इस किले की विशेषता यह है कि मुगल राजा अकबर ने ऐन-ए-अकबारी में इस किले का उल्लेख किया था। किला भूपत नामक जैसलमेर के राजा के पुत्र द्वारा बनाया गया था। किला वास्तव में मजबूत है और मंदिरों और विशाल दरवाजे हैं और घेंगर नदी के तट पर स्थित हैं।


जयगढ़ का किला

जयगढ़ किले को राजस्थान के बड़े पहाड़ी किलों में से एक माना जाता है। किला सवई जय सिंह द्वितीय द्वारा 18 वीं शताब्दी की शुरुआत में बनाया गया था और किले पहाड़ियों से घिरा हुआ जो सूखा और चट्टानी इलाके के बीच में स्थित है। पर्यटकों को इस जगह से पूरे शहर जयपुर के मनोरम दृश्य देखने को मिलता हैं।



आमेर का किला

आमेर का किला  राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर में स्थित राजस्थान की सबसे अच्छी पहाड़ी किलों में से एक है और राजा मान सिंह द्वारा बनाया गया था। किले को भी अम्बर किला के रूप में नाम दिया गया है और हिंदू कलात्मकता डिजाइनों का एक अनूठा उदाहरण है। यह विशाल वास्तुकला लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर में बनाया गया है। कुछ प्रसिद्ध इमारतों में शीश महल, दीवान-ए आम, दीवान-ए-खास, सुखनिवास और जय मंदिर शामिल हैं।



तारागढ़ का किला

तारागढ़ का किला अजमेर में स्थित है। इसका निर्माण 11 वीं सदी में अजय राज चौहान ने करवाया था। इसे राजस्थान का जिब्राल्टर भी कहा जाता है। यह राजस्थान के अजय गिरी दुर्गा में से एक हैं। इस किले में गर्भ गुंजन नामक विशाल तोप रखी हुई है ।यह किला समुद्र तल से 700 फीट ऊंचाई पर स्थित है।



कुचामन का किला

कुचामन का किला नागौर में स्थित है। राजस्थान की सबसे प्राचीन लोगों में से एक है ।यह पहाड़ी की ऊंची चोटी पर स्थित है। इसका निर्माण गुर्जर प्रतिहार वंश के नागभट्ट प्रथम ने 750 ईसवी में करवाया था ।इसका परकोटा  भीमकाय था, जिसमें 10 द्वार थे।



जूनागढ़ का किला

जूनागढ़ किले का निर्माण 30 जनवरी 1589 को शुरू हुआ था। यह बीकानेर में स्थित है। जूनागढ़ किले पर एक भी साका नहीं हुआ है। इस किले को कोई भी नहीं जीत सका है।



मैगजीन का किला

मैगजीन के किले का निर्माण अकबर ने करवाया था। यह राजस्थान में मुस्लिम पद्धति से निर्मित एकमात्र किला है ।इसे अकबर का दौलतखाना या अकबर का किला भी कहा जाता है। यह शहर के बीच में स्थित हैं।



भैसरोडगढ़ का किला

राजस्थान के वेल्लोर के नाम से जाना जाता है। इस किले का निर्माण 1771 में हुआ था। रावतभाटा में स्थित है 1857 की की क्रांति में महारावल ने पगड़ी बदलकर दोस्ती निभाई थी।



चितौड़गढ़ का किला

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ किला सिसौदिया के राजपूत किंग्स और मेवाड़ शासकों की बहादुरी और साहस का प्रतीक है। यह राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध किलों में से एक है। किले यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और मेवाड़ की राजधानी थी । इस किले में महल, मंदिर, द्वार और टावर हैं जो कि हर जगह के सभी विवरणों का वर्णन करते हैं।



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