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Corona Virus | COVID19 | कोरोना से बचाव | Corona in india


कोरोना वायरस से बचाव

कोरोनावायरस अर्थात COVID 19 अभी तक एक लाइलाज बीमारी है ।इससे सिर्फ बचाव ही संभव है ।सावधानी इसका असली बचाव है ।भारत के अंदर यह बीमारी फैल रही है ।इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए और स्वच्छता अपनानी चाहिए ।
कोरोना वायरस से बचने के उपाय निम्नलिखित है


1. COVID-19 वायरस के प्रभाव से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप नियमित तौर पर गुनगुना पीना पिएं।
2. शरीर के इम्यून सिस्टम को दुरूस्त रखने के लिए आपको नियमित तौर पर उचित मात्रा में आंवला, एलोवेरा, गिलोय, नींबू आदि का जूस पीना चाहिए।
3. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के आप पानी में तुलसी रस की कुछ बूंदें डालकर पी सकते हैं।
4. गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।
5. इम्यून सिस्टम की बेहतरी के लिए आप अष्टादसांग काढ़ा, गुडूच्यादि काढ़ा , अमृतउत्तरम काढ़ा या सिरिशादी काढ़ा का सेवन करना उत्तम रहेगा।
6. घर और आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए आप नियमित तौर पर नीम की पत्तियों, गुग्गल, राल, देवदारु और दो कपूर को साथ में जलाएं। उसके धुएं को घर और आस-पास में फैलने दें।
7. इसके अलावा आप चाहें तो गुग्गल, वचा, इलायची, तुलसी, लौंग, गाय का घी और खांड को किसी मिट्टी के पात्र में रखकर जलाएं और उसके धुएं को घर और आस-पास में फैलने दें।
8. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए आप नियमित तौर पर तुलसी की 5 पत्तियां, 4 काली मिर्च, 3 लौंग, एक चम्मच अदरक का रस शहद के साथ ले सकते हैं।
9. चाय पीने के शौकीन हैं, तो आपको नियमित रूप से 10 या 15 तुलसी के पत्ते, 5 से 7 काली मिर्च, थोड़ी दालचीनी और उचित मात्रा में अदरक डालकर बनाई गई चाय पीनी चाहिए। य​ह आपको रोगों से बचने में मदद करेगी।
10. इन सबके अलावा आपको कोरोना वायरस से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए।
कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या करें:
1. व्यक्तिगत स्वच्छता और शारीरिक दूरी बनाए रखें।
2. बार-बार हाथ धोने की आदत डालें। साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल करें।
3. साफ दिखने वाले हाथों को निरंतर धोएं।
4. छींकते औरर खांसते समय अप नी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंकें।
5. उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंकें।
6. बातचीत के दौरान व्यक्तियों से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखें, विशेष रूप से फ्लू जैसे लक्षण दिखने वाले व्यक्तियों के साथ।
7. अपनी कोहने के अंदरूनी हिस्से में छींके, अपने हाथों की हथेलियों में न खासें।
8. अपने तापमान को और श्वसन लक्षणों की जांच नियमित रूप से करें। अस्वस्थ्य महसूस करने पर (बुखार, सांस लेने में कठिनाई और खांसी) डॉक्टर से मिलने के दौरान, अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए मास्क का प्रयोग करें। 
9. खांसने-छींकने वालों से कम से कम 1मीटर (3 फ़ीट) दूर ही रहिये.
क्या नहीं करें:
1. हाथ न मिलाएं।
2. अगर आपको खांसी और बुखार महसूस हो रहा है तो किसी के साथ निकट संपर्क में न आएं।
3. अपनी आंख, नाक और मुंह को स्पर्ष न करें।
4. हाथों की हथेलियों में न छींके  और न ही खासें।
5. सार्वजनिक रूप से न थूकें।
6. अनावश्यक यात्रा न करें, विशेषकर प्रभावित इलाकों में।
7. समूह में न बैठें, बड़े समारोहों में भाग न लें।
8. जिम, क्लब और भीड़-भाड़वाली जगहों पर न जाएं।
9. अफवाह और दहशत न फैलाएं। 

भारत में कोरोना वायरस की स्थिति
भारत में कोरोना वायरस के अब तक करीब 250 मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के अब तक सबसे ज्यादा मामला सामने आया है। वहीं नोएडा में चार मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना को देखते हुए कई राज्यों में स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है और कई एहतियात बरती जा रही हैं।
 आप सभी से निवेदन है कि इस संकट की घड़ी में धैर्य ना खोये और अपना एवं अपने परिवार का बचाव करें।

India gk | देश और उनकी राजधानी


 देश और उनकी राजधानी की सूची


देश        राजधानी

अफगानिस्तान - काबुल
अल्बानिया - तिराना
अल्जीरिया - अल्जीयर्स
अंगोला  - लुआंडा
अर्जेंटीना - ब्यूनस आयर्स
ऑस्ट्रेलिया - कैनबरा
ऑस्ट्रिया - वियना
बहामा -  नासाउ
बहरीन - मनामा
बारबाडोस - ब्रिजटाउन
बेलारूस - मिन्स्क
बेल्जियम -  ब्रुसेल्स
बरमूडा - हैमिल्टन
भूटान - थिम्फू
बोलीविया - सुक्रे
ब्राजील - ब्रासीलिया
बुल्गारिया - सोफिया
कंबोडिया - नोम पेन्ह
कैमरून - Yaoundé
कनाडा - ओटावा
चिली - सैंटियागो
चीन - बीजिंग
कोलम्बिया - बोगोटा
क्रोएशिया - ज़गरेब
क्यूबा  - हवाना
साइप्रस - निकोसिया
चेक गणराज्य - प्राग
डेनमार्क - कोपेनहेगन
मिस्र  - काहिरा
इथियोपिया - अदीस-अबाबा
फिजी - सुवा
फिनलैंड - हेलसिंकी
फ्रांस - पेरिस
गाम्बिया  - बांजुल
जॉर्जिया  - त्बिलिसी
जर्मनी - बर्लिन
घाना - अक्करा
ग्रीस - एथेंस
हंगरी - बुडापेस्ट
आइसलैंड  - रेकजाविक
इंडोनेशिया - जकार्ता
ईरान - तेहरान
इराक  - बगदाद
आयरलैंड - डबलिन
इसराइल - यरूशलेम
इटली  - रोम
जमैका - किंग्सटन
जापान - टोक्यो
कजाकिस्तान - अस्ताना
केन्या  - नैरोबी
किर्गिस्तान - बिश्केक
लाओस - वियनतियाने
लातविया  - रीगा
लेबनान - बेरूत
लाइबेरिया  - मोन्रोविया
लीबिया - त्रिपोली
लिथुआनिया - विनियस
लक्समबर्ग - लक्समबर्ग सिटी
मेडागास्कर  - अंटानानारिवो
मलेशिया - कुआलालंपुर
मालदीव  - माले
माली - बामाको
माल्टा - वेलेटा
मॉरीशस  - पोर्ट लुईस
मेक्सिको - मेक्सिको सिटी
मोनाको - मोनाको सिटी
मंगोलिया  - उलानबटेर
मोरक्को  - रबात
मोजाम्बिक  - मापुटो
म्यांमार - Naypyidaw
नामीबिया - विंडहोएक
नेपाल - काठमांडू
नीदरलैंड - एम्स्टर्डम
नाइजीरिया  - अबुजा
न्यूज़ीलैंड  - वेलिंगटन
उत्तरी कोरिया - प्योंगयांग
नॉर्वे - ओस्लो
ओमान - मस्कट
पाकिस्तान - इस्लामाबाद
फिलीपींस - मनीला
पोलैंड - वारसा
पुर्तगाल - लिस्बन
कतर - दोहा
रोमानिया  - बुखारेस्ट
रूस - मास्को
रवांडा - किगाली
सऊदी - अरब रियाद
सर्बिया - बेलग्रेड
सेशेल्स  - विक्टोरिया
सिएरा लियोन  - फ्रीटाउन
सोमालिया - मोगादिशू
दक्षिण अफ्रीका - केप टाउन, प्रिटोरिया एवं blomphonten
दक्षिण कोरिया - सियोल
दक्षिण सूडान - जुबा
स्पेन  - मैड्रिड
श्रीलंका - श्री जयवर्धनेपुरा कोटे
सूडान  - खार्तूम
स्वीडन - स्टॉकहोम
स्विट्जरलैंड  - बर्न
सीरिया - दमिश्क
ताइवान - ताइपे
तजाकिस्तान - दुशांबे
तंजानिया  - डोडोमा
थाईलैंड - बैंकॉक
ट्यूनीशिया - ट्यूनिस
तुर्की  - अंकारा
तुर्कमेनिस्तान  - अश्गाबात
युगांडा - कंपाला
संयुक्त अरब अमीरात - अबू धाबी
संयुक्त राज्य अमेरिका - वाशिंगटन (डी.सी.)
उरुग्वे - मोंटेवीडियो
उज़्बेकिस्तान  - ताशकंद
जाम्बिया - लुसाका
जिम्बाब्वे - हरारे

Arun Jaitley




Arun Jaitley


Name-Arun Jaitley

DOB-Dec 28, 1952

Death-Aug 24, 2019 (AIIMS, Delhi)

Place of Birth-New Delhi

Political Party-BJP

Religion-Hindu

Education-B.Com from Shri Ram College of Commerce, New Delhi
(L.L.B.) from University of Delhi.

Occupation-Lawyer, Politician

Spouse name-Sangeeta Jaitley

Children-1 son Rohan & daughter Sonali.


Important position held-



●Finance Minister 26 May 2014-14 May 2018)

●Minister of Defence (13 March 2017 - 3 September 2017)

●Minister of Corporate Affairs 26 May 2014 - 14 May 2018

●Minister of Information and Broadcasting (9 November 2014 - 5 July 2016)

●Leader of the Opposition, Rajya Sabha (3 June 2009 - 26 May 2014)

●Minister of Law and Justice from 2000-2002, 2003-2004

●Leader of the House, Rajya Sabha 26 May 2014 - 02 April 2018

●Member of Parliament, Rajya Sabha since 3 April 2018



About Arun Jaitley




One of the distinguished leaders of Bharatiya Janata Party(BJP), Arun Jaitley is the Finance Minister  Minister of Corporate Affairs in the government of India. He also served as a member to the Board of Governors of Asian Development Bank. He is a senior advocate in the Supreme Court and a former Additional Solicitor General of India. Jaitley served as the General Secretary of the BJP in 2002 and then again in 2004. He resigned from the publish of General Secretary in 2009 after he used to be appointed as the leader of opposition in Rajya Sabha under the birthday party precept of “One Man, One Post”. Jaitley has always emerged as a strategic planner of the BJP, assisting his party member Narendra Modi win the meeting election in 2002. As the General Secretary, he managed eight assembly elections, which proved effective for the BJP. He was re-elected to the Rajya Sabha in April 2012 for his 0.33 term. He was the Vice President of the BCCI however resigned after the IPL spot-fixing scandal.


Personal Background of Arun Jaitley


Arun Jaitley was once born to a family of lawyers, social activists and philanthropists. His father, Maharaj Kishen Jaitley, was also a attorney and they as a household resided in Naraina Vihar, New Delhi. His mother, Ratan Prabha, was once a housewife and a social activist at the identical time. Arun Jaitley did his training from the St. Xavier’s School (1957-69). He used to be very passionate about studies, debates, and sports activities such as cricket. He is a graduate from the Shree Ram College of Commerce and was an lively debater and President of the pupil union of the college. Later, he did LL.B. from the University of Delhi (1973-77).

Since childhood Arun Jaitley had a remarkable quantity of pastime in law and politics, and his victory in the election as the President of the Delhi University Students’ Union marked the opening of his political career. He used to be influenced by using the things to do of Janata Party and joined the movement in opposition to corruption then led via the Janata Party to create cognizance among the prevalent public about the misgovernance and corruption with the aid of high officials. He was appointed as the Convener of the Coordination Committee of the youth and pupil organisation.

Arun Jaitley is married to Sangeeta Jaitley, who is the daughter of Giridhar Lal Dogra and Shakuntala Dogra, and has two children, Sonali Jaitley & Rohan Jaitley, and each are lawyers.

How did Arun Jaitley enter into Politics?




He started out his political career in 1974 when he won the election to turn out to be the president of Delhi University Students’ Union. At a time when the Congress’s rule was very strong, with the aid of prevailing the election as an ABVP (Akhil Bhartiya Vidyarthi Parishad) candidate he made a endless have an effect on on the human beings of India. He used to be a follower of Jai Prakash Narain, recognized as JP, and viewed him his mentor. In 1975 when emergency used to be declared for 22 months, Arun Jaitley was once one of the leaders to be detained and used to be imprisoned for 19 months in the Tihar Jail, Delhi. He considered this segment as the turning factor in his existence as he came throughout people of one of a kind backgrounds during his stay in the jail.

In 1977, when the Congress suffered a humiliating defeat in the generic election and Janata Party got here to power, Arun Jaitley used to be the convener of the Loktantric Yuva Morcha.

Political Journey of Arun Jaitley




◆ In 1977, Arun Jaitley used to be appointed as the president of the Delhi ABVP and All India Secretary of the ABVP.
◆ Being related with the ABVP for the reason that a long time, Arun Jaitley joined the BJP in 1980.
◆ He used to be then made the president of the childhood wing of the BJP and the secretary of the Delhi Unit in 1980.
◆ In 1991 he grew to be the member of the National Executive of the BJP.
◆ In the 1998 United Nation General Assembly session, Arun Jaitley was once a delegate on behalf of the authorities of India. In this session, the bill against pills and money laundering was introduced.
◆ He became the spokesperson for the BJP in 1999 just before the General Assembly elections.
◆ He took over as the Minister of State, Department of Information and Broadcasting in 1999. Additionally, he headed the Ministry of Law, Justice and Company Affairs.
◆ He further joined the Council of Ministers as the Minister of State, and alongside with this he was in cost of the newly fashioned Department of Disinvestment.
◆ In 2000, he was once made the member of the Rajya Sabha for the first time from Gujarat.
◆ In 2000, he was once once more appointed as the Minister of Law, Justice and Company Affairs and was also appointed as the head of the Ministry of Shipping. He held the responsibility of modernising ports by using upgrading berths and introducing new berths to improve the efficiency with the aid of reducing the turnaround time.
◆ After the resignation of Ramjeth Malani as the Union Cabinet Minister, Arun Jaitley was once appointed as the Cabinet Minister in November 2000. He was the Law Minister in the cabinet and added many amendments to the Civil Procedure Code, the Criminal Procedure Code, and the Companies Act.
◆ He then left the cabinet to grow to be the General Secretary of the BJP in July 2002 and labored as the National Spokesperson until January 2003.
◆ He once more joined the Union Cabinet in 2003 as the Minister of Commerce and Industry and Law and Justice, and functioned there until May 2004. As Commerce Minister he had a lot of responsibilities in the course of his this term as the state of the WTO negotiations was once very imperative at some point of that time. Developed countries such as the US and the EU have been forcing to limit tariffs of agriculture commodities so that they can enter the Indian market and advantage with the aid of gaining market share. This would have worsened the stipulations of the million of Indian farmers, whose dwelling is primarily based on agriculture. India, along with the G20 group and international locations such as China and Brazil, stood towards the developed nations through no longer granting any substantial concession which should have deprived our farmers.
◆ He was once re-elected as the member of the Rajya Sabha in 2006 and again in 2012 from Gujarat, which used to be his 1/3 time period as a member of the Rajya Sabha.
◆ He is recognised as the Leader of Opposition (2009-2012) and has put in regular efforts to convey about high-quality change. He performed a imperative role all through the talks of the Women Reservation Bill in the Rajya Sabha and also supported Anna Hazare for the Jan Lokpal Bill.
◆ On May 26, 2014, Arun Jaitley grew to be the Finance Minister with extra charge of Defence Ministry but now the Defence Ministry has been transferred to previous Goa CM Manohar Parrikar


भारत का सँविधान

• भारत के संविधान के सारे अनुच्छेद इस सूची में अंकित है




अनुच्छेद 1  :- संघ का नाम और राज्य क्षेत्र


अनुच्छेद 2  :- नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना


अनुच्छेद 3  :- राज्य का निर्माण तथा सीमाओं या नामों मे परिवर्तन


अनुच्छेद 4  :- पहली अनुसूचित व चौथी अनुसूची के संशोधन तथा दो और तीन के अधीन बनाई गई विधियां


अच्नुछेद 5  :- संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता


अनुच्छेद 6  :- भारत आने वाले व्यक्तियों को नागरिकता


अनुच्छेद 7  :-पाकिस्तान जाने वालों को नागरिकता


अनुच्छेद 8  :- भारत के बाहर रहने वाले व्यक्तियों का नागरिकता


अनुच्छेद 9  :- विदेशी राज्य की नागरिकता लेने पर नागरिकता का ना होना


अनुच्छेद 10  :- नागरिकता के अधिकारों का बना रहना


अनुच्छेद 11  :- संसद द्वारा नागरिकता के लिए कानून का विनियमन


अनुच्छेद 12  :- राज्य की परिभाषा


अनुच्छेद 13  :- मूल अधिकारों को असंगत या अल्पीकरण करने वाली विधियां


अनुच्छेद 14  :- विधि के समक्ष समानता


अनुच्छेद 15  :- धर्म जाति लिंग पर भेद का प्रतिशेध


अनुच्छेद 16  :- लोक नियोजन में अवसर की समानता


अनुच्छेद 17  :- अस्पृश्यता का अंत


अनुच्छेद 18  :- उपाधीयों का अंत


अनुच्छेद 19  :- वाक् की स्वतंत्रता


अनुच्छेद 20  :- अपराधों के दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण

Learning computer & Internet


अनुच्छेद 21  :-प्राण और दैहिक स्वतंत्रता


अनुच्छेद 21 क  :- 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा का अधिकार


अनुच्छेद 22  :- कुछ दशाओं में गिरफ्तारी से सरंक्षण


अनुच्छेद 23  :- मानव के दुर्व्यापार और बाल आश्रम


अनुच्छेद 24  :- कारखानों में बालक का नियोजन का प्रतिशत


अनुच्छेद 25  :- धर्म का आचरण और प्रचार की स्वतंत्रता


अनुच्छेद 26  :-धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता


अनुच्छेद 29  :- अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण


अनुच्छेद 30  :- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार


अनुच्छेद 32  :- अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार


अनुच्छेद 36  :- परिभाषा


अनुच्छेद 40  :- ग्राम पंचायतों का संगठन


अनुच्छेद 48  :- कृषि और पशुपालन संगठन



अनुच्छेद 48क  :- पर्यावरण वन तथा वन्य जीवों की रक्षा


अनुच्छेद 49:-  राष्ट्रीय स्मारक स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण


अनुछेद. 50  :- कार्यपालिका से न्यायपालिका का प्रथक्करण


अनुच्छेद 51  :- अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा


अनुच्छेद 51क  :- मूल कर्तव्य


अनुच्छेद 52  :- भारत का राष्ट्रपति


अनुच्छेद 53  :- संघ की कार्यपालिका शक्ति


अनुच्छेद 54  :- राष्ट्रपति का निर्वाचन


अनुच्छेद 55  :- राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीती


अनुच्छेद 56  :- राष्ट्रपति की पदावधि


अनुच्छेद 57  :- पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता


अनुच्छेद 58  :- राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए आहर्ताए


अनुच्छेद 59  :- राष्ट्रपति पद के लिए शर्ते


अनुच्छेद 60  :- राष्ट्रपति की शपथ


अनुच्छेद 61  :- राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया


अनुच्छेद 62  :- राष्ट्रपति पद पर व्यक्ति को भरने के लिए निर्वाचन का समय और रीतियां


अनुच्छेद 63  :- भारत का उपराष्ट्रपति


अनुच्छेद 64  :- उपराष्ट्रपति का राज्यसभा का पदेन सभापति होना


अनुच्छेद 65  :- राष्ट्रपति के पद की रिक्त पर उप राष्ट्रपति के कार्य


अनुच्छेद 66  :- उप-राष्ट्रपति का निर्वाचन


अनुच्छेद 67  :- उपराष्ट्रपति की पदावधि


अनुच्छेद 68  :- उप राष्ट्रपति के पद की रिक्त पद भरने के लिए निर्वाचन


अनुच्छेद69  :- उप राष्ट्रपति द्वारा शपथ


अनुच्छेद 70  :- अन्य आकस्मिकता में राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन


अनुच्छेद 71 . :- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधित विषय


अनुच्छेद 72  :-क्षमादान की शक्ति


अनुच्छेद 73  :- संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार


अनुच्छेद 74  :- राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद


अनुच्छेद 75  :- मंत्रियों के बारे में उपबंध


अनुच्छेद 76  :- भारत का महान्यायवादी


अनुच्छेद 77  :- भारत सरकार के कार्य का संचालन


अनुच्छेद 78  :- राष्ट्रपति को जानकारी देने के प्रधानमंत्री के कर्तव्य


अनुच्छेद 79  :- संसद का गठन


अनुच्छेद 80  :- राज्य सभा की सरंचना


अनुच्छेद 81  :- लोकसभा की संरचना


अनुच्छेद 83  :- संसद के सदनो की अवधि


अनुच्छेद 84  :-संसद के सदस्यों के लिए अहर्ता


अनुच्छेद 85  :- संसद का सत्र सत्रावसान और विघटन


अनुच्छेद 87  :- राष्ट्रपति का विशेष अभी भाषण


अनुच्छेद 88  :- सदनों के बारे में मंत्रियों और महानयायवादी अधिकार


अनुच्छेद 89  :-राज्यसभा का सभापति और उपसभापति


अनुच्छेद 90  :- उपसभापति का पद रिक्त होना या पद हटाया जाना


अनुच्छेद 91  :-सभापति के कर्तव्यों का पालन और शक्ति


अनुच्छेद 92  :- सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का संकल्प विचाराधीन हो तब उसका पीठासीन ना होना


अनुच्छेद 93  :- लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष


अनुचित 94  :- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना


अनुच्छेद 95  :- अध्यक्ष में कर्तव्य एवं शक्तियां


अनुच्छेद 96  :- अध्यक्ष उपाध्यक्ष को पद से हटाने का संकल्प हो तब उसका पीठासीन ना होना


अनुच्छेद 97  :- सभापति उपसभापति तथा अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते


अनुच्छेद 98  :- संसद का सविचालय


अनुच्छेद 99  :- सदस्य द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान


अनुच्छेद 100  - संसाधनों में मतदान रिक्तियां के होते हुए भी सदनों के कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति


अनुच्छेद 108  :- कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक


Learning computer & Internet


अनुत्छेद 109  :- धन विधेयक के संबंध में विशेष प्रक्रिया


अनुच्छेद 110  :- धन विधायक की परिभाषा


अनुच्छेद 111  :- विधेयकों पर अनुमति


अनुच्छेद 112  :- वार्षिक वित्तीय विवरण


अनुच्छेद 118  :- प्रक्रिया के नियम


अनुच्छेद 120  :- संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा


अनुच्छेद 123  :- संसद विश्रांति काल में राष्ट्रपति की अध्यादेश शक्ति


अनुच्छेद 124  :- उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन


अनुच्छेद 125  :- न्यायाधीशों का वेतन


अनुच्छेद 126  :- कार्य कार्य मुख्य न्याय मूर्ति की नियुक्ति


अनुच्छेद 127  :- तदर्थ न्यायमूर्तियों की नियुक्ति


अनुच्छेद 128  :- सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उपस्थिति


अनुच्छेद 129  :- उच्चतम न्यायालय का अभिलेख नयायालय होना


अनुच्छेद 130  :- उच्चतम न्यायालय का स्थान


अनुच्छेद 131  :- उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता


अनुच्छेद 137  :- निर्णय एवं आदेशों का पुनर्विलोकन


अनुच्छेद 143  :- उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति


अनुच्छेद144  :-सिविल एवं न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय की सहायता


अनुच्छेद 148  :- भारत का नियंत्रक महालेखा परीक्षक


अनुच्छेद 149  :- नियंत्रक महालेखा परीक्षक के कर्तव्य शक्तिया


अनुच्छेद 150  :- संघ के राज्यों के लेखन का प्रारूप


अनुच्छेद 153  :- राज्यों के राज्यपाल


अनुच्छेद 154  :- राज्य की कार्यपालिका शक्ति


अनुच्छेद 155  :- राज्यपाल की नियुक्ति


अनुच्छेद 156  :- राज्यपाल की पदावधि


अनुच्छेद 157  :- राज्यपाल नियुक्त होने की अर्हताएँ


अनुच्छेद 158  :- राज्यपाल के पद के लिए शर्तें


अनुच्छेद 159  :- राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान


अनुच्छेद 163  :- राज्यपाल को सलाह देने के लिए मंत्री परिषद


अनुच्छेद 164  :- मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध


अनुच्छेद 165  :- राज्य का महाधिवक्ता


अनुच्छेद 166  :- राज्य सरकार का संचालन


अनुच्छेद 167  :- राज्यपाल को जानकारी देने के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य


अनुच्छेद 168  :- राज्य के विधान मंडल का गठन


अनुच्छेद 170  :- विधानसभाओं की संरचना


अनुच्छेद 171  :- विधान परिषद की संरचना


अनुच्छेद 172  :- राज्यों के विधानमंडल कि अवधी


अनुच्छेद 176  :- राज्यपाल का विशेष अभिभाषण


अनुच्छेद 177  सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार


अनुच्छेद 178  :- विधानसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष


अनुच्छेद 179  :- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना या पद से हटाया जाना


अनुच्छेद 180  :- अध्यक्ष के पदों के कार्य व शक्ति


अनुच्छेद 181  :- अध्यक्ष उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प पारित होने पर उसका पिठासिन ना होना


अनुच्छेद 182  :- विधान परिषद का सभापति और उपसभापति


अनुच्छेद 183  :- सभापति और उपासभापति का पद रिक्त होना पद त्याग या पद से हटाया जाना


अनुच्छेद 184  :- सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन व शक्ति


अनुच्छेद 185  :- संभापति उपसभापति को पद से हटाए जाने का संकल्प विचाराधीन होने पर उसका पीठासीन ना होना


अनुच्छेद 186  :- अध्यक्ष उपाध्यक्ष सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते


अनुच्छेद 187  :- राज्य के विधान मंडल का सविचाल.


अनुच्छेद 188  :- सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान


अनुच्छेद 189  :- सदनों में मतदान रिक्तियां होते हुए भी साधनों का कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति


अनुच्छेद 199  :- धन विदेश की परिभाषा


अनुच्छेद 200  :- विधायकों पर अनुमति


अनुच्छेद 202  :- वार्षिक वित्तीय विवरण


अनुच्छेद 213  :- विधानमंडल में अध्यादेश सत्यापित करने के राज्यपाल की शक्ति


अनुच्छेद 214  :- राज्यों के लिए उच्च न्यायालय


अनुच्छेद 215  :- उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना


अनुच्छेद 216  :- उच्च न्यायालय का गठन


अनुच्छेद 217  :- उच्च न्यायालय न्यायाधीश की नियुक्ति पद्धति शर्तें


अनुच्छेद 221  :- न्यायाधीशों का वेतन


अनुच्छेद 222  :- एक न्यायालय से दूसरे न्यायालय में

न्यायाधीशों का अंतरण


अनुच्छेद 223  :- कार्यकारी मुख्य न्याय मूर्ति के नियुक्ति


अनुच्छेद 224  :- अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति


अनुच्छेद 226  :- कुछ रिट निकालने के लिए उच्च न्यायालय की शक्ति


अनुच्छेद 231  :- दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना


अनुच्छेद 233  :- जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति


अनुच्छेद 241  :- संघ राज्य क्षेत्र के लिए उच्च-न्यायालय


अनुच्छेद 243  :- पंचायत नगर पालिकाएं एवं सहकारी समितियां


अनुच्छेद 244  :- अनुसूचित क्षेत्रो व जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन


अनुच्छेद 248  :- अवशिष्ट विधाई शक्तियां


अनुच्छेद 252  :- दो या अधिक राज्य के लिए सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति


अनुच्छेद 254  :- संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडल द्वारा बनाए गए विधियों में असंगति


अनुच्छेद 256  :- राज्यों की और संघ की बाध्यता


अनुच्छेद 257  :- कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण


अनुच्छेद 262  :- अंतर्राज्यक नदियों या नदी दूनों के जल संबंधी विवादों का न्याय निर्णय


अनुच्छेद 263  :- अंतर्राज्यीय विकास परिषद का गठन


अनुच्छेद 266  :- संचित निधी


अनुच्छेद 267  :- आकस्मिकता निधि


अनुच्छेद 269  :- संघ द्वारा उद्ग्रहित और संग्रहित किंतु राज्यों को सौपे जाने वाले कर


अनुच्छेद 270  :- संघ द्वारा इकट्ठे किए कर संघ और राज्यों के बीच वितरित किए जाने वाले कर


अनुच्छेद 280  :- वित्त आयोग


अनुच्छेद 281  :- वित्त आयोग की सिफारिशे


अनुच्छेद 292  :- भारत सरकार द्वारा उधार लेना


अनुच्छेद 293  :- राज्य द्वारा उधार लेना


&अनुच्छेद 300 क  :- संपत्ति का अधिकार


अनुच्छेद 301  :- व्यापार वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता


अनुच्छेद 309  :- राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तों


अनुच्छेद 310  :- संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि


अनुच्छेद 313  :- संक्रमण कालीन उपबंध


अनुच्छेद 315  :- संघ राज्य के लिए लोक सेवा आयोग


अनुच्छेद 316  :- सदस्यों की नियुक्ति एवं पदावधि


अनुच्छेद 317  :- लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य को हटाया जाना या निलंबित किया जाना


अनुच्छेद 320  :- लोकसेवा आयोग के कृत्य


अनुच्छेद 323 क  :- प्रशासनिक अधिकरण


अनुच्छेद 323 ख  :- अन्य विषयों के लिए अधिकरण


अनुच्छेद 324  :- निर्वाचनो के अधिक्षण निर्देशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना


अनुच्छेद 329  :- निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालय के हस्तक्षेप का वर्णन


अनुछेद 330  :- लोक सभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिये स्थानो का आरणण


अनुच्छेद 331  :- लोक सभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व


अनुच्छेद 332  :- राज्य के विधान सभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण


अनुच्छेद 333  :- राज्य की विधानसभा में आंग्ल भारतीय

समुदाय का प्रतिनिधित्व


अनुच्छेद 343  :- संघ की परिभाषा


अनुच्छेद 344  :- राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति


अनुच्छेद 350 क  :- प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं


अनुच्छेद 351  :- हिंदी भाषा के विकास के लिए निर्देश


अनुच्छेद 352  :- आपात की उदघोषणा का प्रभाव


अनुछेद 356  :- राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध


  • अनुच्छेद 358-आपात के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबन्धो का निलम्बन

  • अनुच्छेद 359- आपात के दौरान भाग 3 द्वारा  प्रदत्त अधिकारों के पर्वतन का निलम्बन

अनुच्छेद 360  :- वित्तीय आपात के बारे में उपबंध


  • अनुच्छेद 361- राष्ट्रपति , राज्यपालों तथा राज प्रमुखों का सरक्षण

  • अनुच्छेद 365- संघ द्वारा नियमों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव

  • अनुच्छेद 366-  परिभाषाएं


अनुच्छेद 368  :- सविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसकी प्रक्रिया


  • अनुच्छेद 376 -उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध

  • अनुच्छेद 370- यह अनुच्छेद कश्मीर के लिए था परंतु अब इसे हटा लिया गया है

  • अनुच्छेद 371- महाराष्ट्र और गुजरात राज्यो के संबंध के उपबंध में

  • अनुच्छेद 371A- नागालैंड राज्य के संबंध के उपबंध में

  • अनुच्छेद 372- विद्यमान विधियों का प्रवत रहना और उनका अनुकूलन

  • अनुच्छेद 375-  सविधान के उपबंध के अधीन रहते हुए न्यायालय के पदाधिकारियों और अधिकारियों का कृत्य करते रहना

अनुच्छेद 377  :- भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक के बारे में उपबंध 


अनुच्छेद 378  :- लोक सेवा आयोग के बारे

Rajasthan gk/राजस्थान के किले

राजस्थान के किले


नागौर का किला
नागौर के किले का निर्माण सामेश्वर के सामंत ने करवाया था। नागौर के किले की बनावट ऐसी है कि इस पर तोप के गोले इसे नुकसान पहुंचाए बिना इसके ऊपर से गुजर जाते हैं ।यूनेस्को द्वारा इसे अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस द्वारा 2009 में नवाजा गया था ।इसके अन्य नाम नागणा दुर्ग,नाग दुर्ग तथा अहिछत्रपुर दुर्ग है।


कंकवाड़ी का किला
कंकवाड़ी का किला राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है। इस किले की स्थापना सवाई जयसिंह प्रथम ने  की थी। इस किले का निर्माण अकाल पड़ने के कारण करवाया था, जिससे लोगों को काम तथा मेहनताना मिल सके।


कोषवर्धन का किला
यह बारा जिले में परवन नदी पर स्थित है। राजकोष में निरंतर व्रद्धि करने के कारण इसका नाम कोसबर्धन पड़ा। यहां पर खींची चौहान शासक, कोटा के हाडा शासको का शासन रहा है। शेरशाह सूरी ने इसका नाम परिवर्तन कर शेरगढ़ रखा था। जालिम सिंह झाला ने जीर्णोद्धार करके अनेक महल बनाए जिससे यह झालाओ की हवेली के नाम से भी प्रसिद्ध है।


गागरोन का किला
गागरोण किला राजस्थान की सबसे अच्छी पहाड़ी किलों में गिने जाते हैं और यह एक यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है, जो सिंध, काली और अहू की तीन नदियों से घिरा हुआ है। किले एक शांत पृष्ठभूमि प्रदान करता है और राजस्थान में प्रसिद्ध किलों में से एक है।


मेहरानगढ़ का किला
मेहरानगढ़ का किला राजस्थान के जोधपुर में स्थित है। राव जोधा ने 1459 के अंदर इस किले का निर्माण करवाया था ।यह जमीन से 125 मीटर ऊंचाई पर एक विशालकाय चट्टान पर स्थित है। इस किले की नींव में राजाराम मेघवाल नामक व्यक्ति को जीवित ही गाड़ दिया गया था ।राव जोधा की चामुंडा माता में आस्था थी ,जिसके कारण उसने इस जिले के पास चामुंडा माता का मंदिर भी बनवाया था।


मांडलगढ़ का किला
यह राजस्थान के भीलवाड़ा के मांडलगढ़ जिले में स्थित है। यह मेनाल और बनास नदी के संगम पर स्थित है। यह राजस्थान की प्रमुख गिरी दुर्गों में से एक है। इसकी आकृति कटोरे जैसी है।


अचलगढ़ का किला
अचलगढ़ का किला राजस्थान के सिरोही जिले मैं दिलवाड़ा के मंदिर से 8 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में स्थित है। इसके समीप अचलेश्वर महादेव का का मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है ।इसका निर्माण परमारो ने करवाया था लेकिन युद्ध होने के कारण यह कमजोर हो गया था, जिससे इसका पुनर्निर्माण महाराणा कुंभा ने करवाया था।


सिवाना का किला
सिवाना का दुर्ग जोधपुर से 54 मील की दूरी पर पश्चिम में स्थित है। यह किला चारों तरफ से रेतीले भाग  से घिरा हुआ है। सर्वप्रथम यहां पर पवारो का अधिकार था। उसके पश्चात चौहानों के अधिकार में आ गया। इस पर अल्लाउद्दीन खिलजी ने भी आक्रमण किया था।


सज्जनगढ़ का किला
इस किले का निर्माण 1984 में किया गया था। इसका दूसरा नाम मानसून पैलेस भी है ।यह उदयपुर में स्थित है । समुद्र तल से 3100 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इसका निर्माण सुरक्षा की दृष्टि से भी किया गया था। मेवाड़ के राजा सज्जन सिंह के नाम पर उसका नाम सज्जनगढ़ रखा गया।



कुंभलगढ़ का किला

कुम्भलगढ़ किला राजस्थान के महान किलों में से एक है और इसका ऐतिहासिक महत्व है। किला महाराणा प्रताप का जन्मस्थान था जो मेवाड़ का एक प्रमुख शासक था और वह अपनी बहादुरी के लिए जाना जाता है। किले एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और फिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सम्मानित है, क्योंकि चीन की महान दीवार के बाद सबसे बड़ी दीवार इस महान किले की है ।



भटनेर दुर्ग

भटनेर किला भारत में सबसे पुराना किलों में से एक है और राजस्थान में सबसे प्रतिष्ठित किलों में से एक है। इस किले की विशेषता यह है कि मुगल राजा अकबर ने ऐन-ए-अकबारी में इस किले का उल्लेख किया था। किला भूपत नामक जैसलमेर के राजा के पुत्र द्वारा बनाया गया था। किला वास्तव में मजबूत है और मंदिरों और विशाल दरवाजे हैं और घेंगर नदी के तट पर स्थित हैं।


जयगढ़ का किला

जयगढ़ किले को राजस्थान के बड़े पहाड़ी किलों में से एक माना जाता है। किला सवई जय सिंह द्वितीय द्वारा 18 वीं शताब्दी की शुरुआत में बनाया गया था और किले पहाड़ियों से घिरा हुआ जो सूखा और चट्टानी इलाके के बीच में स्थित है। पर्यटकों को इस जगह से पूरे शहर जयपुर के मनोरम दृश्य देखने को मिलता हैं।



आमेर का किला

आमेर का किला  राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर में स्थित राजस्थान की सबसे अच्छी पहाड़ी किलों में से एक है और राजा मान सिंह द्वारा बनाया गया था। किले को भी अम्बर किला के रूप में नाम दिया गया है और हिंदू कलात्मकता डिजाइनों का एक अनूठा उदाहरण है। यह विशाल वास्तुकला लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर में बनाया गया है। कुछ प्रसिद्ध इमारतों में शीश महल, दीवान-ए आम, दीवान-ए-खास, सुखनिवास और जय मंदिर शामिल हैं।



तारागढ़ का किला

तारागढ़ का किला अजमेर में स्थित है। इसका निर्माण 11 वीं सदी में अजय राज चौहान ने करवाया था। इसे राजस्थान का जिब्राल्टर भी कहा जाता है। यह राजस्थान के अजय गिरी दुर्गा में से एक हैं। इस किले में गर्भ गुंजन नामक विशाल तोप रखी हुई है ।यह किला समुद्र तल से 700 फीट ऊंचाई पर स्थित है।



कुचामन का किला

कुचामन का किला नागौर में स्थित है। राजस्थान की सबसे प्राचीन लोगों में से एक है ।यह पहाड़ी की ऊंची चोटी पर स्थित है। इसका निर्माण गुर्जर प्रतिहार वंश के नागभट्ट प्रथम ने 750 ईसवी में करवाया था ।इसका परकोटा  भीमकाय था, जिसमें 10 द्वार थे।



जूनागढ़ का किला

जूनागढ़ किले का निर्माण 30 जनवरी 1589 को शुरू हुआ था। यह बीकानेर में स्थित है। जूनागढ़ किले पर एक भी साका नहीं हुआ है। इस किले को कोई भी नहीं जीत सका है।



मैगजीन का किला

मैगजीन के किले का निर्माण अकबर ने करवाया था। यह राजस्थान में मुस्लिम पद्धति से निर्मित एकमात्र किला है ।इसे अकबर का दौलतखाना या अकबर का किला भी कहा जाता है। यह शहर के बीच में स्थित हैं।



भैसरोडगढ़ का किला

राजस्थान के वेल्लोर के नाम से जाना जाता है। इस किले का निर्माण 1771 में हुआ था। रावतभाटा में स्थित है 1857 की की क्रांति में महारावल ने पगड़ी बदलकर दोस्ती निभाई थी।



चितौड़गढ़ का किला

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ किला सिसौदिया के राजपूत किंग्स और मेवाड़ शासकों की बहादुरी और साहस का प्रतीक है। यह राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध किलों में से एक है। किले यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और मेवाड़ की राजधानी थी । इस किले में महल, मंदिर, द्वार और टावर हैं जो कि हर जगह के सभी विवरणों का वर्णन करते हैं।



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बजट 2019


बजट 2019




बजट 2019: बजट कैसे पेश होता है, जानें- इससे जुड़ीं रोचक बातें



बजट कुछ साल पहले तक बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. मोदी सरकार ने बजट को लेकर कई परंपराओं को बदला है. कुछ साल पहले फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश होता था, जिसे अब बदलकर 01 फरवरी कर दिया गया है.


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को मोदी 2.0 का पहला बजट पेश करेंगी. मोदी सरकार ने शानदार जीत के साथ सत्ता में वापसी की है और सरकार आज पूर्ण बजट पेश करेगी. इस बजट को लेकर सभी लोगों में कई उम्मीदें हैं. भारत में बजट को लेकर कई तरह की परंपराएं रही हैं. लेकिन समय के साथ बजट के तौर-तरीके भी बदल गए.

बजट कुछ साल पहले तक बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. मोदी सरकार ने बजट को लेकर कई परंपराओं को बदला है. कुछ साल पहले फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश होता था, जिसे अब बदलकर 01 फरवरी कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त रेल बजट को भी खत्म करके आम बजट में ही शामिल कर दिया गया.

सुबह 11 बजे बजट पेश किया।

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पहली बार साल 2001 में सुबह 11 बजे बजट पेश किया गया था. साल 2001 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने ऐसा किया था. इससे पहले बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. केंद्रीय बजट साल 2000 तक संसद में शाम 5 बजे पेश किया जाता था.

अंग्रेजों के समय से बजट की घोषणा शाम 5 बजे किए जाने की परंपरा चली आ रही थी. लेकिन साल 2001 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश कर नई परंपरा शुरू की. उस समय भी अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी.

हला बजट
भारत के आजाद होने से पहले भी ब्रिटिश सरकार में भी बजट पेश किया जाता था. भारत में पहली बार बजट 18 फरवरी 1869 को पेश किया गया था, जो कि जेम्स विल्सन ने पेश किया था.

आजादी के बाद पहला बजट

भारत 1947 को आजाद होने के बाद देश के पहले वित्त मंत्री शनमुखम शेट्टी ने पहला बजट पेश किया था. उन्होंने जिसके बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

बजट पेपर हिंदी में तैयार

बजट पेपर साल 1955-56 से हिंदी में तैयार किए जा रहे है. इससे पहले भारत का बजट सिर्फ अंग्रेजी में छपता था. कांग्रेस की सरकार बनने के बाद साल 1991 में देश में पहली बार दो मंत्रियों ने अंतरिम और पूर्ण बजट पेश किया था और वो दोनों अलग-अलग पार्टी से थे.

रेल बजट साधारण बजट के साथ:

पहले रेल बजट को अलग से पेश किया जाता था. लेकिन, अब रेल बजट भी साधारण बजट के साथ पेश किया जाता है.

सर्वाधिक बजट पेश करने का रिकार्ड:

मोरारजी देसाई ने अब तक सर्वाधिक दस बार बजट पेश किया है छह बार वित्त मंत्री और चार बार उप प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होने ऐसा किया. अपने जन्मदिन पर भी बजट पेश करने वाले भी वह एकमात्र मंत्री है.




हलवा खाने की रस्म:

बजट छपने के लिए भेजे जाने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा खाने की रस्म निभाई जाती है. इस रस्म के बाद बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय के संबधित अधिकारी किसी के संपर्क में नहीं रहते परिवार से दूर उन्हें वित्त मंत्रालय में ही रुकना पड़ता है.

बजट को कौन तैयार करता है?

बजट, भारत के वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के तहत आने वाले ‘बजट विभाग’ की देखरेख में तैयार होता है. यही विभाग प्रत्येक साल भारत का बजट तैयार करता है.

बजट कितने प्रकार के होते हैं?

केंद्रीय बजट दो प्रकार का होता है. पहला - रेलवे बजट जो रेलवे फाइनेंस का ब्‍यौरा देता है. जबकि दूसरा जनरल बजट होता है, जो पूरे साल सरकार के आय और व्‍यय का लेखा जोखा बनाता है.

बजट क्यों पेश किया जाता है?

बजट के माध्यम से सरकार पूरे देश को यह बताती है कि वह जनता की कमाई का एक-एक पैसा योजनाबद्ध तरीके से इस्तेमाल कर रही है.  बजट के माध्यम से ही देश की आर्थिक स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्शाया जाता है.





️आम बजट 2019: कर (टैक्स) प्रावधान



वित्‍त मंत्री ने 25 प्रतिशत कॉरपोरेट कर के लिए सीमा 250 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड़ वार्षिक टर्न ओवर करने की घोषणा की.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी एनडीए की सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट 05 जुलाई 2019 को संसद में पेश हुआ.
केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश किया. इस बार बजट पेश करने को लेकर चली आ रही पुरानी परंपरा से इतर बजट की कॉपी ब्रीफकेस के बजाय लाल रंग के बैग में रखी गई. वहीं बजट को इस बार 'बही खाता' नाम दिया गया है.

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2019-20 में आयकर दाताओं का आभार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रत्‍यक्ष कर में वृद्धि हुई है. साल 2018-19 में प्रत्‍यक्ष कर 11.37 लाख करोड़ रुपए प्राप्‍त हुआ है। उन्‍होंने कहा कि कॉरपोरेट करों को निरंतर कम करते रहेंगे.

टैक्स (कर) पर मुख्य बिंदु:

•  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मध्य वर्ग को राहत देते हुए 5 लाख तक की इनकम पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगाने का प्रस्ताव किया. वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त मंत्री ने कहा कि 5 लाख रुपये तक कि आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.

•   वित्‍त मंत्री ने 25 प्रतिशत कॉरपोरेट कर के लिए सीमा 250 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड़ वार्षिक टर्न ओवर करने की घोषणा की. इस फैसले से 99.39 प्रतिशत कंपनियां इस दायरे में आ जाएंगी. इसका मतलब है कि अब सालना 400 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत की दर से कॉरपोरेट टैक्‍स देना होगा. पहले सालाना टर्नओवर 250 करोड़ रुपए वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत टैक्‍स देय था.


•   ई वाहनों पर GST को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाएगा. इसके साथ ही स्टार्टअप के लिए बड़ी छूट का घोषणा किया है. स्टार्ट अप को एंजल टैक्स नहीं देना होगा, साथ ही आयकर विभाग भी इनकी जांच नहीं करेगा.

•   मोदी सरकार ने मिडिल क्लास के लिए बड़ा घोषणा किया है. अब 45 लाख रुपये का घर खरीदने पर अतिरिक्त 1.5 लाख रुपये की छूट दी जाएगी. हाउसिंग लोन के ब्याज पर मिलने वाली कुल छूट अब 2 लाख से बढ़कर 3.5 लाख हो गई है. इसके अतिरिक्त 2.5 लाख रुपये तक का इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर भी छूट दी जाएगी.

•   मोदी सरकार ने ITR के लिए बड़ा घोषणा किया है. वित्त मंत्री अब आधार कार्ड से भी लोग अपना इनकम टैक्स भर पाएंगे. यानी अब पैन कार्ड होना जरूरी नहीं है, पैन और आधार कार्ड से काम हो जाएगा.

•  यदि कोई भी व्यक्ति बैंक से एक साल में एक करोड़ से अधिक की राशि निकालता है तो उसपर 2 प्रतिशत का TDS लगाया जाएगा. यानी सालाना 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालने पर 2 लाख रुपये टैक्स में ही कट जाएंगे.

•  मोदी सरकार ने अब 2 से 5 करोड़ रुपये सालाना कमाने वालों पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगेगा और साथ ही 5 करोड़ रुपये से अधिक कमाने पर 7 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स देना होगा.

• 4000 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनी पर 25 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. सस्ते मकान की खरीद पर 3.5 लाख रुपये की छूट मिलेगी. यह छूट 45 लाख रुपये तक का मकान खरीदने वालों को मिलेगी. पहले इस छूट की सीमा 2 लाख रुपये तक थी. अब 3.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर टैक्स नहीं लगेगा.

वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण कहा कि सरकार की तरफ से अनेक प्रयासों के बाद कर संग्रह में बढ़ोतरी हुई है. प्रत्यक्ष कर साल 2013-14 में 6.38 लाख करोड़ से बढ़कर साल 2018-19 11.37 लाख करोड़ पहुंच गया. यह हर साल दोहरे अंक में बढ़ोतरी कर रहा है. सरकार आयकर रिटर्न भरने को आसान बनाने पर जोर दे रही है.


️आम बजट 2019: भारतीय रेल, देश में अब प्राइवेट ट्रेन भी चलेगी


वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार रेल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण की योजना को साल 2019 से शुरू करेगी. इसका उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है.


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 05 जुलाई 2019 को संसद में पेश की. केंद्रीय बजट के तहत रेलवे बजट 2019 पेश करते हुए वित्तमंत्री ने साफ, सुरक्षित और समयबद्ध रेल यात्रा पर जोर दिया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार रेल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण की योजना को साल 2019 से शुरू करेगी. इसका उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है.

आम बजट 2019-20  में भारतीय रेल से संबंधित निम्नलिखित घोषणाएं:

•   वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2019-20 के बजट में 300 किलोमीटर मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी प्रदान की है.

•   वित्तमंत्री के अनुसार, इस वर्ष 657 किलोमीटर नए मेट्रो रेल नेटवर्क पर संचालन शुरू कर दिया जाएगा.

•   उन्होंने साथ ही रेलवे किराए में सुधार के लिए आदर्श किराया कानून बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया है. इसके जरिए रेलवे यात्रियों की जरूरत, सुविधाओं और विभाग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किराया तय करेगी.

•   वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय रेल और मेट्रो प्रोजेक्ट में पीपीपी मॉडल के जरिए निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा.

•   उन्होंने बजट में रेलवे ट्रैक के लिए पीपीपी मॉडल को मंजूरी प्रदान कर दी है. वित्तमंत्री ने कहा कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल से रेलवे के विकास में तेजी आएगी.

•   स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए रेलवे ने फ्रांस के साथ समझौता किया है. फ्रांस के साथ हुए इस समझौते के तहत ढांचागत विकास पर सरकार सात लाख यूरो खर्च करेगी.

•   वित्तमंत्री के अनुसार, रेल ढांचे के मॉडर्नाइजेशन और स्वीकृत योजनाओं को पूरा करने के लिए 50 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है. इन परियोजनाओं को साल 2018 से साल 2030 तक पूरा होना है.

•   रेलवे ने बांद्रा टर्मिनस, कोलकाता व कानपुर सेंट्रल समेत देश के 22 प्रमुख रेलवे स्टेशनों का विश्वस्तरीय पुनर्विकास कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

•   इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का लक्ष्य इन स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मुहैया कराने पर है.

•   केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि रेलवे नेटवर्क का कंजेशन खत्म करने के लिए जलमार्ग भी तेजी से विकसित किए जा रहे हैं. इसके अलावा मालगाड़ियों के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है.

•   यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टेशनों और ट्रेनों के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.

•   वित्तमंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे प्रदूषण मुक्त अभियान के तहत ग्रीन एनर्जी पर फोकस कर रही है. इसके तहत पुराने डीजल इंजनों का आधुनिकीकरण कर उन्हें इलेक्ट्रिक इंजन बनाया जा रहा है.


बजट में पहली बार प्राइवेट ट्रेन की घोषणा

सरकार देश में पहली बार प्राइवेट ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रही है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारतीय रेलवे की योजना है कि निजी भागीदारों को पर्यटन वाले रूट पर कुछ चुनिंदा ट्रेनें संचालित करने की अनुमति प्रदान की जाए. सरकार की 100 दिन की योजना के तहत दो ट्रेनें संचालन के लिए आईआरसीटीसी को दी जाएंगी. इसके अंतर्गत ट्रेन यात्रियों को और प्रीमियम सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा.

आर्थिक सर्वेक्षण 2019 के अनुसार

वित्तमंत्री ने बताया कि आर्थिक सर्वेक्षण 2019 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 में भारतीय रेलवे के यात्रियों की संख्या में 2.09 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि केवल रेलवे में ही पीपीपी मॉडल को लागू नहीं किया जाएगा, बल्कि स्पेशल पर्पस व्हीकल स्ट्रक्चर्स विकसित करने में भी इसका प्रयोग होगा.

आम बजट 2019: कृषि क्षेत्र


निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में गांव, गरीब और किसानों को कई तोहफे दिए. उन्होंने गरीब और किसानों को बजट का तोहफा देने से पहले साफ कहा कि असल भारत, गांव में ही बसता है. उन्होंने किसानों और गरीबों के लिए इस बजट में कई बड़ी बातें कहीं.


वित्त मंत्री निर्मला सीतारम संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर रही हैं. उन्होंने संसद में अपने पहले बजट भाषण में 'सशक्त राष्ट्र, सशक्त नागरिक' के सिद्धांत पर जोर दिया. केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Union Budget 2019 पेश करते हुए कहा कि गांव, गरीब और किसान हमारे केंद्र बिंदु हैं.

निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में गांव, गरीब और किसानों को कई तोहफे दिए. उन्होंने गरीब और किसानों को बजट का तोहफा देने से पहले साफ कहा कि असल भारत, गांव में ही बसता है. उन्होंने किसानों और गरीबों के लिए इस बजट में कई बड़ी बातें कहीं.

आम बजट 2018-19  में कृषि क्षेत्र  से संबंधित निम्नलिखित घोषणाएं की गई.

•   गांव, गरीब, किसान पर खास फोकस होगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि साल 2022 तक हर गांव में बिजली होगी. साथ ही 1.95 करोड़ नए घर बनाने की योजना है.

•   वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि साल 2024 तक गांव के हर घर तक जल (पानी) पहुंचाया जाएगा. इसमें हर घर में टंकी से पानी पहुंचाया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह काम जल जीवन मिशन के तहत किया जाएगा. इसमें हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने की कोशिश रहेगी.

•   वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत साल 2019-20 से साल 2021-22 तक पात्रता रखने वाले लाभार्थियों को 1.95 करोड़ मकान मुहैया कराये जाएंगे. इनमें रसोई गैस, बिजली और शौचालयों जैसी सुविधा होगी. सीतारमण ने बताया कि पहले आवासों को बनाने में जहां 314 दिन लग रहे थे, अब 114 दिन लगते हैं.

•   वित्त मंत्री ने बताया कि 5.6 लाख गांव अबतक खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि 02 अक्टूबर 2019 को भारत खुले में शौच से मुक्त हो जाएगा.

•   वित्त मंत्री के अनुसार साल 2022 तक 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे. मछुआरों की आजीविका को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना के तहत मत्स्यिकी ढांचे की स्थापना होगी. वित्त वर्ष  2019-20 के दौरान 100 नए बांस, शहद और खादी कलस्टर की स्थापना होगी.


•   वित्‍त मंत्री ने बजट भाषण में जलजीवन मिशन के तहत साल 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को जल उपलब्‍ध कराने का प्रस्ताव रखा. साथ ही गरीबों के लिए साल 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत सभी को घर उपलब्‍ध कराने की बात कही.

•   उन्होंने कहा कि पीएम सड़क योजना के तहत आवंटित किए जाने वाले 80,250 करोड़ रुपये के निवेश से 1.25 लाख किमी लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा.

•   सरकार ने 2 करोड़ ग्रामीणों को डिजिटल शिक्षा (Digital Education) देने का लक्ष्य रखा है.

•   वित्तमंत्री ने मत्यपालन के तरफ जोर देते हुए कहा कि मछली उद्योग ग्रामीण भारत के लिए अहम है. आने वाले समय में हमारी सरकार ग्रामीण किसानों को इससे जोड़कर उनकी दशा-दिशा बदलेगी. इसके लिए सरकार 'प्रधानमंत्री मत्य पालन' योजना की शुरूआत करने जा रही है.

जीरो बजट कृषि को बढ़ावा

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जीरो बजट खेती पर जोर दिया जाएगा. इसका उद्देश्य खेती के बुनियादी तरीकों पर लौटना है. इसी से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा होगा. खाद्यानों, दलहनों, तिलहनों, फलों और सब्जियों की स्व-पर्याप्तता और निर्यात पर विशेष रूप से जोर दिया गया.

ज्यादा जोर गांव गरीब और किसानों पर

मोदी सरकार 2.0 का ज्यादा जोर गांव गरीब और किसानों पर है. सरकार ये मानती है कि गांवों के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता है. साथ ही कृषि को फायदे का सौदा बनाए बिना देश में बेरोजगारी दूर नहीं की जा सकती.


️बजट 2019: क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा

बजट 2019 की घोषणाओं के बाद यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि आम उपभोक्ताओं के लिए क्या सस्ता हुआ है और क्या महंगा हुआ है.


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किये गये बजट में लोगों को राहत देने की कोशिश की गयी. हर बार की तरह इस बार भी बजट के बाद कुछ चीजें महंगी हुई और कुछ चीजें सस्ती होंगी. आइये जानें आपकी रोजमर्रा के जीवन पर इससे क्या प्रभाव पड़ेगा. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगभग दो घंटे 10 मिनट तक बजट भाषण पढ़ा.

क्या होगा महंगा

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट के बाद पेट्रोल-डीजल, सोना, काजू महंगे हो जाएंगे. पेट्रोल और डीज़ल पर 1 रुपये प्रति लीटर की कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है. सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी की गई है. सोने पर 2.5 फीसदी आयात शुल्‍क बढ़ा दिया गया है जिससे दाम में इजाफा होगा.


आयात शुल्‍क में इजाफा होने से कई चीजों के दाम भी बढ़ेंगे. आयातित किताबों पर पांच प्रतिशत का शुल्‍क लगेगा. ऑटो पार्ट्स, सिंथेटिक रबर, पीवीसी, टाइल्‍स भी महंगी हो जाएंगी. इसके साथ ही विदेशी किताब भी महंगी हो जाएगी. क्योंकि इसपर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है.

सीसीटीवी, ऑटो पार्ट्‍स, काजू, मेटल फिटिंग, सिंथेटिक रबर, डिजिटल वीडियो कैमरा इत्यादि महँगी हो जायेगी.

इस प्रस्तावित बजट के लागू हो जाने के बाद तंबाकू उत्‍पाद भी महंगे हो जाएंगे. सोने के अलावा चांदी और चांदी के आभूषण खरीदने के लिए भी अतिरिक्‍त रुपये खर्च होंगे. ऑप्टिकल फाइबर, स्‍टेनलेस उत्‍पाद, एसी, लाउडस्‍पीकर, वाहन के हॉर्न, सिगरेट आदि महंगा हो जाएगा.

क्या होगा सस्ता

इस बजट के बाद इलेक्ट्रिक कारें सस्‍ती हो जाएंगी. हालांकि अभी ये कारें चलन में नहीं हैं लेकिन दाम कम होने से इन कारों का इस्‍तेमाल अधिक होगा.

सरकार ने ई वाहन पर लगने वाले 12 प्रतिशत टैक्स को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है. वहीं बजट के बाद होम लोन लेना भी सस्‍ता होगा, यानी घर खरीदना अब किफायती होगा. सस्ते घरों के लिए ब्याज पर 3.5 लाख रुपये की छूट मिलेगी.

निर्मला सीतारमण के इस बजट के बाद साबुन, शैंपू, बालों का तेल, टूथपेस्‍ट, बिजली का घरेलू सामान जैसे पंखे, लैम्‍प, ब्रीफकेस, यात्री बैग, सेनिटरी वेयर, बोतल, कंटेनर, रसोई में प्रयुक्‍त सामान लैसे बर्तन, गद्दा, बिस्‍तर, चश्‍मों के फ्रेम, बांस का फर्नीचर, पास्‍ता, धूपबत्‍ती, नमकीन, सूखा नारियल, सैनिटरी नैपकिन भी सस्ता होगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंश्योरेंस सेक्टर में राहत दिया है. बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत FDI से इंश्योरेंस सस्ता होगा. रक्षा उपकरण, चमड़े का सामान, इलेक्ट्रिक वाहन, 45 लाख रुपए तक का घर सस्ता होगा.

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